Long Term Investment Stocks India: भारत के टॉप लॉन्ग-टर्म स्टॉक्स जो मल्टीबैगर रिटर्न दे सकते हैं!

Long Term Investment Stocks India: लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग के भारतीय शेयर मार्केट से अथाह धन कामनें वाले राकेश झुंझुनवाला की स्टोरी तो आपने सुनी ही होगी। जिन्होंने शेयर मार्केट में मात्र 5000 रूपये के इन्वेस्टमेंट से शुरूआत हजारों करोड़ रूपये कमाए थे। अगर आप भी इसी तरह अगर धैर्य रखते हैं और अपने पोर्टफोलियो को लॉन्ग टर्म के लिए रखते है। तो राकेश झुनझुनवाला जी के बराबर ना सही लेकिन रीजनेबल वेल्थ क्रिएट तो कर ही सकते हैं। जानते हैं- भारत के टॉप लॉन्ग-टर्म स्टॉक्स जो मल्टीबैगर रिटर्न दे सकते हैं!
                                                                               
Long Term Investment Stocks India
भारत की इकॉनमी (Indian Economy) लगातार ग्रो कर रही है और ऐसे में मजबूत कंपनिययों के शेयर लंबे समय में शानदार रिटर्न देते हैं।

अगर आप भी शेयर मार्केट इन्वेस्टिंग से अमीर बनना चाहते हैं तो आपको इंवेस्टोनोमी शेयर मार्केट से अमीर बनने की गाइड बुक जरूर पढ़नी चाहिए। 

Long term investing क्या है?

क्या आपने कभी अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को यह कहते हुए सुना है, "काश मैंने 10 साल पहले वो शेयर खरीद लिया होता। आज मैं करोड़पति होता! अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। यह एक ऐसी भावना है जो हर उस इंसान के मन में आती है। जिसने कभी भी शेयर बाजार में पैसे लगाने के बारे में सोचा है। 

ऐसा इसलिए होता है कि बहुत से स्टॉक्स के प्राइस लॉन्ग टर्म में अपने पिछले प्राइस से कई गुना कभी-कभी तो हजार गुना तक बढ़ जाते हैं। लेकिन क्या सच में ऐसा होता है? क्या कुछ स्टॉक प्राइस ऐसे होते हैं जो समय के साथ इतनी तेजी से बढ़ते हैं कि आपका छोटा सा investment भी एक विशाल बरगद का पेड़ बन जाता है? 

जी हाँ, बिल्कुल होते हैं! इन्हीं शेयरों को हम मल्टीबैगर स्टॉक्स कहते हैं। और आज हम सिर्फ उनकी लिस्ट पर बात नहीं करेंगे, बल्कि एक यात्रा पर चलेंगे - उस यात्रा पर जो हमें यह सिखाएगी कि सही समय पर सही स्टॉक कैसे चुना जाता है और धैर्य का फल कितना मीठा होता है। आपको लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग से दुनियां में सबसे ज्यादा वेल्थ क्रिएट करने वाले वॉरेन बफेट की बायोग्राफी भी जरूर पढ़नी चाहिए। 

शेयर मार्केट सिर्फ पैसे कमाने का जरिया ही नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा सफर है। जहाँ धैर्य, सही जानकारी और सही स्ट्रेटेजी आपको करोड़ों तक पहुँचा सकती है। जब बात लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट (Long Term Investment in India) की होती है, तो सही स्टॉक्स चुनना सबसे ज़रूरी होता है।

Multibagger Returns 

मल्टीबैगर रिटर्न्स केवल लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग से ही मिल सकते हैं। जिस भी इन्वेस्टर ने पाने पोर्टफोलियो को पांच से दस साल होल्ड किया है। उनमें से ज्यादातर इन्वेस्टर्स को मार्केट ने शानदार रिटर्न भी दिया है। अगर दुर्भाग्य से किसी कंपनी के फंडामेंटल ही ख़राब हो जाएँ तो दूसरी बात है। यदि इन्वेस्टर्स अलर्ट रहें तो समय रहते अपने शेयरों को बेचकर नुकसान से बच सकते हैं या कम कर सकते हैं क्योंकि आज के समय में कोई भी न्यूज पब्लिक से छिप नहीं सकती है। 

इस आर्टिकल में भारत के उन टॉप लॉन्ग-टर्म स्टॉक्स (Top Long Term Stocks India) के बारे में बताया गया है। यदि उनके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को चार्ट पर देखा जाय तो आप पाएंगे कि उन्होंने लॉन्ग-टर्म में शानदार रिटर्न दिए हैं। लेकिन उनमें अपने मजबूत फंडामेंटल के कारण आने वाले सालों में भी दमदार मल्टीबैगर रिटर्न (Multibagger Stocks India) देने की क्षमता है। 


अगर आप भी लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर (Long Term Investor) हैं और अपने पैसों को सुरक्षित तरीके से कई गुना बढ़ाना चाहते हैं। तो यह आर्टिकल आपके लिए खजाने से कम नहीं होगा। Long term investment से किस तरह बम्पर रिटर्न मिलता है। 

इसे आप रियल उदाहरण के द्वारा समझ सकते हैं। टाइटन कंपनी लिमिटेड के शेयर में राकेश झुनझुनवाला जी ने 2002-2003 के आसपास 3-32 रूपये प्रति शेयर के हिसाब इन्वेस्टमेंट से शुरू किया गया था। यह उनका सबसे महत्वपूर्ण और सफल दांव था। जिसने उन्हें 83,000% से अधिक का रिटर्न दिया। 

यह शेयर उनके पोर्टफोलियो का एक प्रमुख हिस्सा बन गया। उन्होंने टाइटन के फाइनेंशियल स्ट्रगल के दौरान, इसके long term विजन के साथ इसके संगठित ज्वैलरी सेक्टर विशेषकर तनिष्क ब्रांड में विकास की संभावनाओं को देखते हुए इन्वेस्टमेंट किया। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, राकेश झुनझुनवाला की मृत्यु के बाद, टाइटन में हिस्सेदारी सहित उनका पोर्टफोलियो उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला को हस्तांतरित कर दिया गया। जिनकी हिस्सेदारी मार्च 2023 तक 12,460 करोड़ रूपये थी।

इसे ही मल्टीबैगर रिटर्न कहते हैं। "मल्टीबैगर" शब्द का अर्थ है "कई गुना बढ़ने वाला"। यह शब्द मशहूर निवेशक पीटर लिंच ने अपनी किताब "वन अप ऑन वॉल स्ट्रीट" में दिया था। मल्टीबैगर स्टॉक एक ऐसा स्टॉक होता है जो अपने शुरुआती निवेश मूल्य से कई गुना अधिक रिटर्न देता है। यह 2 गुना (2X), 5 गुना (5X), 10 गुना (10X) या उससे भी ज़्यादा हो सकता है।

लेकिन याद रहे, यह रातोंरात नहीं होता। यह एक मैराथन है, कोई 100 मीटर की दौड़ नहीं। मल्टीबैगर बनने में किसी भी स्टॉक को सालों का समय लगता है। अतः आपको सबसे ज्यादा long term investing पर फोकस करना चाहिए। 

इसके लिए बहुत अधिक धैर्य की जरूरत होती है और लम्बे समय तक अपने पोर्टफोलियो को होल्ड करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि शेयर मार्केट ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स मार्केट सेंटीमेंट से बहुत प्रभावित होते हैं। साथ ही Stock market का फियर एंड ग्रीड फेक्टर भी इन्वेस्टर्स के धैर्य की परीक्षा लेता है। 


Golden Rules of Long-Term Investing (लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग के गोल्डन रूल्स)

स्टॉक चुनने से पहले, आपको इन्वेस्टिंग के सिद्धांतों को समझना होगा। अगर नींव मज़बूत होगी, तो ही इमारत टिक पाएगी। ये 5 नियम हर सफल इन्वेस्टर की डिक्शनरी में शामिल होते हैं- 
  1. बिज़नेस को समझें, सिर्फ स्टॉक को नहीं (Invest in a business, not just a stock): शेयर खरीदना सिर्फ एक डिजिटल नंबर नहीं है। आप असल में उस कंपनी के बिज़नेस का एक छोटा सा हिस्सा खरीद रहे हैं। अतः उसके बिज़नेस को समझें। क्या वह भविष्य में भी पैसा कमा पाएगा? क्या उसकी मांग बनी रहेगी? क्या वह टेक्नोलॉजी के बदलते दौर में भी टिक पाएगा? 
  2. धैर्य रखें (Patience is a virtue): सबसे बड़ा गुण, स्टॉक मार्केट में कहावत है- "बाज़ार में पैसा धैर्यवान लोगों से निकलकर बेसब्र लोगों के पास जाता है।" (Money flows from impatient to patient). जब आपके खरीदे हुए स्टॉक का प्राइस गिरता है तो घबराना नहीं चाहिए। अगर आपको कंपनी के बिज़नेस पर भरोसा है, तो सिर्फ धैर्य रखें। 
  3. मैनेजमेंट को जानें (Know the management): एक अच्छी कंपनी को महान बनाने का काम उसका मैनेजमेंट करता है। क्या कंपनी के प्रमोटर्स और मैनेजमेंट ईमानदार हैं? क्या उनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है? क्या वे अपने वादे पूरे करते हैं? रतन टाटा, नारायण मूर्ति, मुकेश अंबानी... इन नामों पर लोग भरोसा करते हैं क्योंकि इन्होंने अपने काम से यह भरोसा कमाया है। 
  4. पोर्टफोलियो में विविधता रखें (Diversify your portfolio): अपना सारा पैसा सिर्फ एक स्टॉक में कभी न लगाना चाहिए। "सारे अंडे एक ही टोकरी में न रखें।" अगर एक स्टॉक खराब प्रदर्शन करता है, तो दूसरे स्टॉक आपके पोर्टफोलियो को सहारा देंगे। इसलिए अलग-अलग सेक्टरों के stock में निवेश करना चाहिए। जैसे- टेक्नोलॉजी, बैंकिंग, एफएमसीजी, मैन्युफैक्चरिंग आदि। 
  5. अपनी रिसर्च खुद करें (Do your own research - DYOR): यूट्यूब या किसी दोस्त की सलाह पर आँखें बंद करके किसी भी शेयर में इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहिए। खुद कंपनी की बैलेंस शीट, प्रॉफ़िट एंड लॉस स्टेटमेंट और एनुअल रिपोर्ट पढ़ें। निवेश का फैसला आपका है तो ज़िम्मेदारी भी आपकी ही होनी चाहिए।

भारत के टॉप मल्टीबैगर स्टॉक्स (Long Term Investment Stocks India)

अब आप उन कंपनियों के बारे में जानेंगे, जिनमें लॉन्ग-टर्म में मल्टीबैगर रिटर्न देने की क्षमता है। हमने इन कंपनियों का चयन उनके मज़बूत बिज़नेस मॉडल, मैनेजमेंट, फाइनेंशियल स्टेबिल्टी और फ्यूचर ग्रोथ की संभावनाओं को देखकर किया गया है। 


1. HDFC Bank (सेक्टर: बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ): HDFC Bank भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है और बैंकिंग सेक्टर का एक दिग्गज खिलाड़ी। बैंकिंग सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी, लोन की मांग भी बढ़ेगी। HDFC Bank इस ग्रोथ का सबसे बड़ा लाभार्थी होगा।

क्यों यह एक लॉन्ग-टर्म बेट है? मज़बूत मैनेजमेंट और गवर्नेंस: HDFC Bank अपनी शानदार गवर्नेंस और मज़बूत मैनेजमेंट के लिए जाना जाता है। बैंक की बैलेंस शीट बेहद मज़बूत है और इसका एनपीए (NPA - Non-Performing Assets) अन्य बैंकों की तुलना में काफी कम है।

भविष्य की ग्रोथ: भारत में क्रेडिट कार्ड और लोन की मांग में ज़बरदस्त बढ़ोतरी हो रही है, जिसका फायदा HDFC Bank को मिलेगा। लेकिन इसके साथ रिस्क ये है कि सरकारी नीतियों में बदलाव, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और RBI के नियमों का प्रभाव इसकी ग्रोथ पर पड़ सकता है। 

2. Tata Consultancy Services (TCS) (सेक्टर: IT सेवाएँ): टाटा समूह की यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता है। आज के डिजिटल युग में, हर बिज़नेस को टेक्नोलॉजी की ज़रूरत है। TCS डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग और AI जैसी सेवाओं में अग्रणी है।

क्यों यह एक लॉन्ग-टर्म बेट है? इसके साथ टाटा समूह का भरोसा जुड़ा है। टाटा ग्रुप का नाम ही अपने आप में एक गारंटी है। यह ग्लोबल मार्केट में सर्विस देती है। TCS दुनिया भर में अपनी सेवाओं के लिए जाना जाता है और इसके क्लाइंट्स की लिस्ट में कई बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ शामिल हैं।

स्थिर ग्रोथ और डिविडेंड देने वाली कंपनी है। TCS लगातार अच्छा प्रदर्शन करता है और अपने शेयरधारकों को अच्छा डिविडेंड भी देता है। यह एक पोर्टफोलियो को स्थिरता प्रदान करता है। लेकिन ग्लोबल आर्थिक मंदी का असर, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और टेक्नोलॉजी में तेज़ी से बदलाव का असर इसके प्रदर्शन पर पड़ सकता है। 


3. Hindustan Unilever Ltd (HUL) (सेक्टर: FMCG): HUL भारत में हर घर का हिस्सा है। लाइफबॉय साबुन से लेकर सर्फ़ एक्सेल डिटर्जेंट तक, HUL के प्रोडक्ट्स हर किसी के जीवन में हैं। FMCG सेक्टर इंडियन इकोनॉमी का एक ऐसा हिस्सा है जो मंदी में भी कम प्रभावित होता है। किसी भी स्थिती में लोग रोज़मर्रा की ज़रूरतें खरीदना बंद नहीं करते।

क्यों यह एक लॉन्ग-टर्म बेट है? इसकी मज़बूत ब्रांड एक बड़ी पहचान है। HUL के पास देश के सबसे मज़बूत ब्रांड्स हैं, जो उसे अपने प्रतिद्वंद्वियों से उसे अलग करते हैं। HUL का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क शहरों से लेकर छोटे-छोटे गाँवों तक फैला हुआ है।

एचयूएल का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है और यह लगातार मुनाफ़ा कमाती रही है। फिलहाल तो GST की दरों में कमी का फायदा कंपनी को मिलेगा। हालाँकि जीएसटी दरों में कमी का फायदा आम आदमी को बहुत ज्यादा होगा। अगर कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी तो इससे कंपनी की लागत बढ़ती है। अगर बढ़ती प्रतिस्पर्धा और महंगाई का असर भी कंपनी की ग्रोथ पर पड़ सकता है। 

4. Asian Paints (सेक्टर: पेंट और डेकोरेटिव): एशियन पेंट्स भारत में पेंट उद्योग का राजा है। भारत में घर बनाना और सजाना एक बड़ा और लगातार चलने वाला बिज़नेस है। शहरीकरण, बढ़ते घरों की संख्या और लोगों की बढ़ती आय का सीधा फायदा इस कंपनी को मिलता है।

क्यों यह एक लॉन्ग-टर्म बेट है? एशियन पेंट्स कंपनी मार्केट लीडर है। एशियन पेंट्स का अपने सेक्टर में 50% से ज़्यादा मार्केट शेयर है जो उसे एक मज़बूत प्रतिस्पर्धात्मक लाभ (Competitive Advantage) देता है। एशियन पेंट्स कंपनी का नाम ही पेंट का पर्याय बन चुका है। अब यह सिर्फ पेंट तक सीमित नहीं है, बल्कि होम डेकोर और वॉटरप्रूफ़िंग जैसे नए क्षेत्रों में भी विस्तार कर रही है। 

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी (क्योंकि पेंट में केमिकल का उपयोग होता है) का प्रभाव इस के प्रदर्शन पर पड़ता है। मार्केट में कई नई कंपनियों जैसे ओपस, बर्जर पेंट्स आदि की वजह से प्रतिस्पर्धा में बढोरती इसकी ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है।

5. Larsen & Toubro (L&T) (सेक्टर: इंजीनियरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन): L&T को भारत का "इंजीनियरिंग का बादशाह" कहा जाता है। राम मंदिर का निर्माण भी एलएंडटी कंपनी ने किया है। आप इसी से अनुमान लगा सकते हैं कि यह कंपनी कितनी शानदार है। 

यह कंपनी भारत के बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में शामिल है। जैसे - मेट्रो, बुलेट ट्रेन, पुल, और सरकारी प्रोजेक्ट्स। "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" जैसी सरकारी योजनाओं का सबसे बड़ा फायदा L&T को मिलेगा। क्यों यह एक लॉन्ग-टर्म बेट है?  भारत सरकार का ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर है, जिसका सीधा फायदा L&T को मिलता है।

एलएंडटी कंपनी के पास विशाल और जटिल प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की विशेषज्ञता है। जो किसी नई कंपनी के लिए हासिल करना मुश्किल है। इसका बिजनेस भी डायवर्सिफाइड है, L&T सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं है। बल्कि आईटी, फाइनेंस और डिफेंस जैसे सेक्टर्स में भी काम करती है। सरकारी नीतियों में बदलाव, प्रोजेक्ट्स में देरी और आर्थिक मंदी का असर का असर कंपनी के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। 


निष्कर्ष: यह थी कुछ कंपनियों की लिस्ट जो लॉन्ग-टर्म में मल्टीबैगर रिटर्न देने की क्षमता रखती हैं। लेकिन जैसा कि हमने पहले भी कहा, यह सिर्फ एक लिस्ट नहीं है। यह एक  (Mindset) साइकोलॉजी का खेल है। सही साइकोलॉजी यह है कि आप एक इन्वेस्टर बनें, न कि एक जुआरी। 

आप जिस भी कंपनी के बिज़नेस पर भरोसा करते हैं। उसके share में investment करें और ग्रोथ  करने के लिए उसे समय दें। तभी वह आपको शेयर प्राइस वृद्धि और डिविडेंड के रूप में शानदार रिटर्न दे पायेगी। इस तरह आप भी कंपनी की ग्रोथ क्र भागीदार बन सकते हैं। याद रखें, शेयर बाज़ार एक ऐसा कुआँ है जो सिर्फ धैर्यवान लोगों को ही पानी पिलाता है।

अगली बार जब आप किसी को कहें कि "काश मैंने 10 साल पहले वो शेयर ले लिया होता", तो खुद से पूछें कि क्या आप आज उस स्टॉक में investment करने के लिए तैयार हैं। जिसे आप भविष्य में मल्टीबैगर बनते देखना चाहते हैं क्योंकि कल की कहानी आज के इन्वेस्टमेंट से ही लिखी जाएगी। 


उम्मीद है, आपको यह भारत के टॉप लॉन्ग-टर्म स्टॉक्स जो मल्टीबैगर रिटर्न दे सकते हैं! आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह Long Term Investment Stocks India आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मिडिया पर जरूर शेयर करें। आपने किस सेक्टर में इन्वेस्ट किया है कमेंट करके जरूर बताएं। शेयर मार्केट मार्केट के बारे में ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारिया प्राप्त करने के लिए इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें। 

यह लेख केवल जानकारी और शिक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है और आपके द्वारा किए गए निवेश में नुकसान भी हो सकता है। यह किसी भी तरह की वित्तीय सलाह (Financial Advice) नहीं है। कोई भी निवेश करने से पहले, अपनी खुद की रिसर्च (Due Diligence) ज़रूर करें या किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार (Certified Financial Advisor) से सलाह लें। आपका पैसा, आपकी ज़िम्मेदारी है। 

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