क्या आपको IPO में invest करना चाहिए?
आईपीओ में इन्वेस्ट करना एक अच्छा विचार हो सकता है। बहुत से इन्वेस्टर्स जो आईपीओ में रेग्युलर इन्वेस्ट करते हैं। वे उन स्टॉक्स में बहुत निचले लेवल पर इन्वेस्ट करते हैं। जिनके प्राइस के बहुत ऊपर जाने के आसार होते हैं। स्टॉक का प्राइस समय के साथ बढ़ता है तो निचले लेवल पर इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टर्स उससे अच्छा प्रॉफिट कमाते हैं।
अतः आप भी अगर आईपीओ में इन्वेस्ट करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह एक अच्छा विचार हो सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं- क्या आपको आईपीओ में इन्वेस्ट करना चाहिए? Should I invest in IPO?
अगर आप सच में अमीर बनना चाहते हैं तो आपको रॉबर्ट कियोस्की द्वारा लिखित गाइड टू इन्वेस्टिंग बुक जरूर पढ़नी चाहिए। इसमें बताया गया है कि अमीर लोग कहाँ इन्वेस्ट करते हैं, जहाँ गरीब और माध्यम वर्ग के लोग इन्वेस्ट नहीं करते वहाँ अमीर लोग इन्वेस्ट करते हैं।
IPO क्या है
IPO का मतलब है "आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (initial public offering) यह पहली बार होता है, जब किसी कंपनी का स्टॉक सार्वजनिक खरीद के लिए उपलब्ध होता है। IPO में, एक निजी तौर पर आयोजित कंपनी सार्वजनिक निवेशकों से पूंजी जुटाने के लिए नया स्टॉक जारी करती है।
IPO कंपनियों को बड़ी मात्रा में धन मुहैया करा सकता है। जिसका इस्तेमाल नई परियोजनाओं को धनराशि देने, कर्ज चुकाने या शुरुआती शेयरधारकों को निवेश पर रिटर्न देने के लिए किया जा सकता है। साथ ही, आईपीओ निवेशकों को एक युवा, बढ़ती हुई कंपनी में स्टॉक खरीदने और संभावित रूप से इसकी भविष्य की सफलता से लाभ उठाने का अवसर प्रदान करता है।
कंपनियाँ IPO क्यों लाती हैं?
कंपनियाँ कैपिटल मार्केट में आईपीओ पेश करके अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पूँजी जुटाती हैं। आईपीओ से जुटाई गयी पूँजी का उपयोग कंपनियाँ क्षमता विस्तार, प्रोडक्ट डायवर्सिफिकेशन करने, कर्ज चुकाने, पुराने शेयरहोल्डर्स को प्रॉफिट के साथ कंपनी से बाहर होने का रास्ता देने और मर्जर आदि जैसी विभिन्न जरूरतों पूर्ति के लिए करती हैं।
आईपीओ से जुटाए गए पैसे का उपयोग कंपनी किस-किस प्रोजेक्ट में करने वाली है। इसका खुलासा उसे IPO prospectus में जरूर करना होता है। ऐसा SEBI का रूल है। किसी भी कंपनी के लिए IPO के ज़रिए धन जुटाने के बहुत फ़ायदे हैं। आईपीओ का सबसे बड़ा फायदा बिना ब्याज मार्केट रकम मिलना है।
अगर कंपनी फाइनेंस मार्केट से लोन लेती है तो उसे ब्याज भी चुकाना होगा। आईपीओ में कंपनी अपनी हिस्सेदारी बेचती है इसलिए उसे मूल रकम भी किसी को नहीं चुकानी पड़ती है। वह कंपनी का खुद का पैसा हो जाता है। IPO में आम आदमी को शेयर खरीदने का अवसर मिलता है और कंपनी के स्वामित्व में उसकी एक छोटी हिस्सेदारी होती है।
भारत में NSE & BSE दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं। जिन पर कंपनियाँ आईपीओ लाने के लिए अप्लाई करती हैं। आईपीओ आने के बादकंपनियाँ इन्हीं दोनों में से किसी एक एक्सचेंज पर लिस्ट होती हैं। बहुत से companies दोनों स्टॉक एक्सचेंजों पर भी लिस्ट होती हैं।
क्या आपको IPO में invest करना चाहिए?
आईपीओ इश्यू में कोई भी व्यक्ति पैसा इन्वेस्ट करके कंपनी में छोटी सी हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। शेयरहोल्डिंग के आधार पर, शेयरधारक कंपनी की इनकम, बोनस और डिविडेंड के हकदार होते हैं। ऐतिहासिक रूप से इक्विटी ने अन्य एसेट क्लासों की तुलना में हमेशा अधिक रिटर्न दिया है।
अतः investors के लिए अपने पोर्टफोलियो का एक हिस्सा equity में invest रखना समझदारी भरा फैसला माना जाता है। परन्तु stocks में इन्वेस्ट करने को जोखिम भरा भी माना जाता है। अक्सर, बिना किसी विशेष कारण के शेयरों के प्राइस में उस देश की आर्थिक तरक्की और भू-राजनितिक घटनाओं के आधार पर अक्सर उतार-चढ़ाव होता रहता है।
अक्सर लॉन्ग-टर्म के लिए share market में इन्वेस्ट करने से मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों के प्राइस में ग्रोथ देखने को मिलती है। मजबूत वित्तीय स्थिती और बढ़िया बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों के stock में इन्वेस्ट करके आप भी वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं।
आप अच्छे बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों के शेयरों में IPO में प्रतिस्पर्धी प्राइस पर इन्वेस्ट करके आप वैल्यूएबल अर्निग प्राप्त कर सकते हैं। आईपीओ में अक्सर शेयर सस्ते प्राइस पर मिल जाते हैं। जिससे आप भी कम प्राइस पर शेयर खरीद सकते हैं। किसी भी कंपनी के स्थापित हो जाने के बाद उसके शेयर महंगे हो जाते हैं। ग्रे मार्केट प्रीमियम
IPO में invest करने के कारण
आपको भारतीय शेयर मार्केट में आने वाले आईपीओ में निम्नलिखित कारणों से investment कर सकते हैं-
- Diversification: आईपीओ भी इन्वेस्टर के पोर्टफोलियो में विविधता ला सकता है। जिससे इन्वेस्टर के पोर्टफोलियो का जोखिम कम हो सकता है।
- Early Enrty: यदि आप पहली बार किसी company के ग्राउंड फ्लोर पर आने के दौरान ही उसमें इन्वेस्टमेंट करते हैं। तो आप उसकी ग्रोथ में शामिल होकर प्रॉफिट कमा सकते हैं।
- High returns की संभावना: IPOs में हाई रिटर्न देने की क्षमता होती है। खासकर टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर सेक्टर के आईपीओ में। सीक्रेट चाल
- Tex Advantages: इसमें इन्वेस्ट करके व्यक्ति टेक्स एडवांटेज ले सकते हैं क्योंकि शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की तुलना में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टेक्स कम होता है।
- Liquidity: इसमें खरीदे गए स्टॉक्स इन्वेस्टर्स को तरलता भी प्रदान करते हैं। क्योंकि इन्वेस्टर्स कभी भी स्टॉक्स को बेचकर अपनी पैसों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं।
- Good Valuations: इंडिया में आमतौर पर आईपीओ में शेयर का प्राइस उसकी वैल्यू से कम होता है। जिससे इन्वेस्टर्स को सस्ते प्राइस पर शेयर खरीद सकते हैं जोकि एक बहुत अच्छा सौदा होता है।
- Long-Term Groth: यदि इन्वेस्टर को IPO अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनी के शेयर अलॉट हो जाते हैं। तो वे स्टॉक्स व्यक्ति को लॉन्ग-टर्म ग्रोथ प्रदान कर सकते हैं। ऑप्शंस में ट्रेड
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