Invest in Stock Market: शेयर बाजार का राज़: सिर्फ 7 स्टेप में करो स्मार्ट इन्वेस्टिंग की शुरुआत!
By: Manju Chaudhary May, 2025
शेयर बाजार एक ऐसा शब्द जो लोगों को या तो उत्साह से भर देता है या डर से कांपने पर मजबूर कर देता है। लेकिन क्या वाकई शेयर मार्केट इतना जटिल है? नहीं! अगर आप सही तरीके से शुरुआत करें तो यही बाज़ार आपको फाइनेंशियल फ्रीडम की ओर ले जा सकता है। जानते हैं- शेयर बाजार का राज़: सिर्फ 7 स्टेप में करो स्मार्ट इन्वेस्टिंग की शुरुआत! How to invest money in stock market?
![]() |
500 रूपये से शेयर मार्केट में निवेश शुरू करें! स्टॉक्स कैसे चुनें, कौन सी गलतियां न करें, और कैसे बनाएं स्मार्ट पोर्टफोलियो। |
अगर आप भी स्मार्ट इन्वेस्टर बनना चाहते हैं तो आपको वॉरेन बफे के गुरु बेंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
शेयर बाजार की समझ
शेयरों में इन्वेस्ट करना और अपने पैसे को अपने लिए काम करने देना। अपनी संपत्ति बढ़ाने का एक तरीका है लेकिन इसके साथ शेयर मार्केट रिस्क भी जुड़ा होता है। हालाँकि मार्केट रिस्क को कम करने के कुछ तरीके भी हैं लेकिन फिर भी इसे पूर्णतः समाप्त नहीं किया जा सकता है।
नए इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स के पास सलाह लेने के इतने फाइनेंशियल एक्सपर्ट कभी नहीं थे, जितने अब हैं। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले यह समझना जरूरी है कि यह सिर्फ पैसा लगाने का खेल नहीं है, बल्कि यह धैर्य, ज्ञान और सही स्ट्रेटेजी का मिला-जुला परिणाम है।
अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं और समझ नहीं पा रहे कि कहां से शुरुआत करें तो इस गाइड में आपको सरल भाषा में विस्तार से जानकारी मिलेगी। निम्नलिखित चरणों का पालन करके आप अपने लिए इन्वेस्टिंग टार्गेट सेट करना सीख सकते हैं। सही शेयर कैसे चुनें और शेयर निवेश की मूल बातें कैसे समझें आदि-
इन्वेस्टिंग की शुरुआत कैसे करें?
Stocks में इन्वेस्ट करने का मतलब है, कंपनी अच्छा प्रदर्शन करेगी। जिसकी वजह से उसके शेयर के प्राइस बढ़ेंगे, इससे आपके इन्वेस्टमेंट की वैल्यू बढ़ेगी। अगर आपने किसी ऐसे शेयर को होल्ड किया हुआ है। जिसका प्राइस समय के साथ बढ़ रहा है तो ऐसे स्टॉक में इन्वेस्ट करने पर आपको प्रॉफिटेबल रिटर्न मिल सकता है।
अगर शेयर का प्राइस समय के साथ गिर जाता है तो आपको नुकसान हो सकता है। शेयर मार्केट में हमेशा शेयर के प्राइस गिरने का जोखिम बना रहता है। इसी को मार्केट रिस्क कहा जाता है। शेयर मार्केट में प्रॉफिटेबल इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपको निम्नलिखित 7 स्टेप उठाने चाहिए-
1. स्पष्ट इन्वेस्टमेंट गोल निर्धारित करें
अगर आप पहले ही यह तय कर लें कि आप जो investment कर रहे हैं। उससे होने वाले प्रॉफिट से आप क्या काम करेंगे। शार्ट टर्म और लॉन्ग-टर्म दोनों तरह के गोल पर विचार करें क्योंकि यह आपकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी को प्रभावित करेंगे। आपके पास घर खरीदने और गाड़ी खरीदने के शार्ट-टर्म गोल हो सकते हैं।
इसके आलावा बच्चों की हायर एजुकेशन और शादी, खुद का रिटायरमेंट जैसे लॉन्ग-टर्म गोल हो सकते हैं। युवा इन्वेस्टर्स लॉन्ग-टर्म गोल पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं जबकि रिटायरमेंट के करीब लोग कैपिटल सुरक्षित रखने और इनकम जेनरेशन को ज्यादा महत्व देते हैं। आपके इन्वेस्टमेंट गोल जितने क्लियर होंगे, उतनी ही अच्छी आप इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।
2. इन्वेस्टमेंट अमाउंट सेट करें
Investment amount सेट करने से पहले अपने इनकम के स्रोतों की समीक्षा करें। साथ ही अपने मंथली खर्चों का भी हिसाब लगाएं। आप स्थिती के लिए कम से कम अपनी 6 महीने की इनकम के बराबर फंड बचाकर रखें। अगर आपने कहीं से ब्याज पर लोन लिया है तो ज्यादा ब्याज वाले लोन को पहले चुका देना चाहिए। फाइनेंशियल असेसमेंट के आधार पर तय करें कि आप कितना पैसा आराम से Stocks में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
अगर आपके पैसा Share market में इन्वेस्टमेंट के लिए जरूरत से कम फंड है तो चिंता नहीं करें क्योंकि आप दौड़ से बाहर नहीं हुए हैं। ऐसा इसलिए कह रही हूँ क्योंकि शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट मैराथन दौड़ हैं, 100 मीटर की रेस नहीं है। आगे आपको मार्केट में investment करने के बहुत सारे मौके मिलेंगे।
शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट के बारे में अक्सर कहा भी जाता है कि मार्केट जोखिमों से भरा है। अतः इसमें केवल उतना ही पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए। जितना आप खोने के लिए तैयार हैं। कभी भी लोन लेकर मार्केट में पैसा नहीं लगाना चाहिए। इन बातों को गंभीरता से लेना ही इन्वेस्टमेंट को जुए से अलग करता है।
3. इन्वेस्टिंग में जोखिम सहनशीलता निर्धारित करें
Risk tolerance का मतलब है कि मार्केट वोलैटिलिटी के कारण जब आपका इन्वेस्टमेंट नुकसान में आ जाता है। क्या आप तब धैर्य के साथ अपने इन्वेस्टमेंट को होल्ड कर सकते हैं। क्या आप हाई रिस्क और हाई रिटर्न में विश्वास रखते हैं अथवा आप स्टेबिल्टी पसंद करते हैं, भले ही अंत में आपको कम रिटर्न मिले।
आप अपनी रिस्क टॉलरेंस क्षमता के अनुसार स्टॉक और अन्य एसेट्स में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। इसके लिए आपको निम्न बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए-
- यदि आप कम रिस्क लेना चाहते हैं तो आपको डिविडेंड पेइंग स्टॉक्स और बांड्स में इन्वेस्टमेन्ट करना चाहिए।
- यदि आप मॉडरेट रिस्क लेना चाहते हैं तो आपको मिडकैप स्टॉक (midcap stocks), लार्जकैप (Largecap stocks), एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स और इंडेक्स फंड्स में इन्वेस्ट करना चाहिए।
- अगर आप हाई रिस्क हाई रिटर्न चाहते हैं तो आपको स्मॉलकैप स्टॉक (Smallcap stocks) और ग्रोथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए।
- एक्टिव इन्वेस्टिंग: Active investing में आप बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद में स्टॉक, बांड्स और अन्य एसेट्स buy & sell करते हैं। इसके लिए अपने डीमैट अकाउंट का उपयोग करते हैं। इसमें आप मार्केट पर नजर बनाये रखें और जब भी पैसे कमाने का मौका मिले ट्रेड करें। इसे एक्टिव ट्रेडिंग भी कहते हैं।
- पैसिव इन्वेस्टिंग: Passive investing भी एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी है। इसमें लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। आप इंडेक्स ETF और म्यूचुअल फंड में शेयर खरीदने के लिए अपने ब्रोकरेज खाते का उपयोग करते हैं। आप अभी भी नियंत्रित करते हैं कि आप कौन से फंड खरीदते हैं, लेकिन फंड मैनेजर आपके लिए ट्रेडिंग करते हैं।
4. स्टॉक ब्रोकर चुनें
शेयर मार्केट में बहुत सी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म हैं। जैसे जिरोधा, Groww, मोतीलाल ओसवाल और ऐंजल वन आदि। आपको अपनी जरूरत के हिसाब से अपने लिए स्टॉक ब्रोकर चुनना चाहिए। स्टॉक ब्रोकर के पास आपको ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट खुलवाना पड़ेगा। तभी आप शेयर मार्केट शेयर buy & sell कर पाएंगे। डीमैट अकाउंट को आपके बैंक अकाउंट से लिंक कर दिया जायेगा।
जिससे आप अपने डीमैट अकाउंट में शेयर खरीदने के लिए पैसे डिपॉजिट कर सकते हैं। साथ ही प्रॉफिट होने पर आप अपने डीमैट अकाउंट से अपने बैंक अकाउंट में आपसे विथड्रॉल भी कर सकते हैं। सभी इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स का शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग का अपना अलग-अलग स्टाइल होता है। स्टॉक ब्रोकर्स भी दो तरह के होते हैं-
- Full-service stockbroker
- Discount stockbroker
अगर आप केवल इन्वेस्टिंग ही करते हैं, यानि शेयरों को एक बार खरीदकर लॉन्ग-टर्म के लिए होल्ड करते हैं तो आपके लिए full-service broker ठीक रहेगा। अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आपके लिए डिस्काउंट ब्रोकर सही रहेगा। जिरोधा और ग्रो डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर हैं और मोतीलाल ओसवाल और ऐंजल वन फुल-सर्विस ब्रोकर के उदाहरण हैं।
5. अपने डीमैट अकाउंट में पैसे डालें
डीमैट अकाउंट खुलने के बाद, आपको उससे लिंक बैंक अकाउंट से उसमे पैसे डिपॉजिट करने चाहिए। ताकि आप उन पैसों से अपने लिए शेयर खरीद सकें। अगर आप कैश में शेयर खरीदेंगे तो आपको शेयरों की कीमत का पूरा भुगतान करना होगा। अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए मार्जिन मिलेगा। इस तरह आपकी शेयर मार्केट में निवेश करने की शुरुआत हो जाएगी।
6. अपने लिए शेयर चुनें
अनुभवी इन्वेस्टर्स को भी share चुनने में परेशानी होती है। प्रसिद्ध अमेरिकी निवेशक Worren Buffett को भी इन्वेस्टमेंट के लये stocks चुनने में परेशानी होती है। वह भी पूरे वित्तीय वर्ष में एक या दो कंपनियों को ही इन्वेस्ट करने के लिए सलेक्ट कर पाते हैं। नये इन्वेस्टर्स को स्ट्रांग ट्रैक रिकॉर्ड और स्टेबल रिटर्न वाली कंपनियों को इन्वेस्टमेंट के लिए चुनना चाहिए।
7. जानें, निगरानी करें, समीक्षा करें
सफल इन्वेस्टर्स हर गुजरते दिन के साथ मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करने की नई-नई तरकीबें और स्ट्रेटेजीज ढूढ़ते रहते हैं। जैसे-जैसे शेयर बाजार बदलता है, उसी के हिसाब से आपको भी अपडेट रहना चाहिए। समय-समय पर अपने इन्वेस्टमेंट की समीक्षा करते रहना चाहिए। नुकसान वाले स्टॉक्स से बाहर निकल जाना चाहिए।
उम्मीद है, आपको यह शेयर बाजार का राज़: सिर्फ 7 स्टेप में करो स्मार्ट इन्वेस्टिंग की शुरुआत! आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह How to invest money in stock market? आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। शेयर मार्केट के बारे में ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारियां शेयर करने के लिए इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें।
आपको इस आर्टिकल में कौन सी जानकारी सबसे अच्छी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं। आप मुझे फेसबुक पर भी जरूर फॉलो करें क्योंकि वहां में शेयर मार्केट के बारे के अक्सर रोचक जानकारियां शेयर करती रहती हूँ।
कोई टिप्पणी नहीं