कॉफी कैन इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी ( Coffee can Investing Strategy ) क्या है?

कॉफी कैन इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी एक इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो रणनीति है। जिसमे स्टॉक्स को खरीदकर लंबे समय के लिए होल्ड किया जाता है। पुराने ज़माने में लोग कीमती वस्तुओं ( प्रॉपर्टी के कागजात, गहने आदि ) को कॉफी कैन में रखकर भूल जाते थे और जरूरत समय उनका उपयोग करते थे। 

उसी तरह Coffee can Investing Strategy में इन्वेस्टर्स उन कंपनियों के स्टॉक्स को खरीदते हैं। जो लंबे समय से बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। इस स्ट्रेटेजी में स्टॉक्स को एक बार खरीदने के बाद कम से कम दस वर्ष तक होल्ड किया जाता है। इस दौरान इन स्टॉक्स में कोई नई खरीद या बिक्री नहीं होती है। आइए विस्तार से जानते हैं- कॉफी कैन इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी ( Coffee can Investing Strategy ) हिंदी में। Coffee can Investing Strategy in Hindi.

                                                                                 
Coffee can Investing

यदि आप पैसे कैसे कमाएं और उसे इन्वेस्ट कैसे करें? सीखना चाहते हैं तो आपको साइकोलॉजी ऑफ मनी बुक जरूर पढ़नी चाहिए। अगर आप ऑडियोबुक सुनना पसंद करते हैं तो आपको ऐमज़ॉन ऑडिबल का फ्री ट्रायल लेकर, बात पैसे की ऑडियोबुक जरूर सुननी चाहिए। 

Coffee can Investing Strategy क्या है? 

कॉफी कैन इन्वेस्टिंग टर्म का उपयोग लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी के संदर्भ में किया जाता है। जिसमें हाई क्वलिटी स्टॉक्स को खीरदकर लंबे समय के लिए होल्ड किया जाता है। यानि उन स्टॉक्स में एक बार इन्वेस्ट करने के बाद लंबे समय तक कोई खरीद न या बिक्री नहीं होती है। 

हाई क्वालिटी स्टॉक्स से मतलब जिनका ROE 15 से कम होता है। जिन कंपनियों के प्रोडक्ट की मांग लगातार लंबे समय तक बनी रहती है। और जो कंपनियां अपने क्षेत्र में लीडर होंती हैं। ऐसी कंपनियों के स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना चाहिए। Coffee Can Investing का मुख्य आईडिया यह है कि स्टॉक्स को ख़रीदा जाय और फिर उनको कॉफी कैन में रखकर दफ्न कर दिया जाय। वैसे भारत में कॉफी कैन का उपयोग नहीं किया जाता है। इसका उपयोग यूरोप में ही ज्यादातर होता है। 

इस इन्वस्टमेंट स्ट्रेटेजी के अनुसार शेयरों खरीदकर दस-बारह साल के लिए भूल जाएँ कि हमारे पास कोई स्टॉक्स भी हैं। इस रणनीति में आपको अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का माइक्रोमैनेजमेंट नहीं करना पड़ता है। इस स्ट्रैटजी को वॉल स्ट्रीट विश्लेषक रॉबर्ट किर्बी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था। 

Coffee Can investment Strategy के मुख्य सिद्धांत 

कॉफी कैन इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के मुख्य सिद्धांत निम्नलिखित हैं- 

1. मात्रा से, अधिक गुणवत्तापूर्ण शेयर खरीदें ( Quality over Quantity )  

स्टॉक्स खरीदने पर ध्यान दें, एक निश्चित संख्या में हाई क्वालिटी स्टॉक्स खरीदें। हाई क्वालिटी स्टॉक्स आमतौर पर वित्तीय रूप से मजबूत, प्रतिष्ठित और स्थापित कंपनियों के होते हैं। जिनका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा होता है और उन्हें अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों पर बढ़त हांसिल होती है। 

2. लॉन्ग-टर्म दर्ष्टिकोण ( Long-term prospective ) 

इन स्टॉक्स को होल्ड करने का प्रमुख लक्ष्य इन्हें लंबे समय तक अपने पास बनाये रखना होता है। इन स्टॉक्स को अक्सर कई वर्षों तक या दशकों तक होल्ड किया जाता है। स्टॉक्स को लम्बे समय तक होल्ड करने से कम्पाउंडिंग इफेक्ट ( चक्रवृद्धि रिटर्न ) का फायदा मिलता है। साथ ही स्टॉक्स के प्राइस पर शार्ट-टर्म में आने वाले उतार-चढ़ाव का प्रभाव भी कम पड़ता है।  

3. न्यूनतम पोर्टफोलियो टर्नओवर ( Minimal Portfolio turnover ) 

स्टॉक्स को बार-बार खरीदने और बेचने से बचना चाहिए क्योंकि इससे ब्रोकरेज खर्च बढ़ता है। Coffee Can Investing Strategy खरीदो और भूल जाओ ( Buy & Hold ) के सिद्धांत पर काम करती है। जिससे आप मार्केट के प्रत्येक उतार-चढाव और न्यूज इवेंट पर प्रतिक्रिया ना करें। 

4. पोर्टफोलियो का विविधीकरण ( Diversification ) 

कॉफी कैन इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी में लंबे समय तक स्टॉक्स को होल्ड करने की सलाह दी जाती है। लेकिन फिर भी इसमें जोखिम से बचने के लिए एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो का होना भी आवश्यक है। क्योंकि विद्वान् लोग कहते हैं- "कभी भी सारे अंडे एक टोकरी में नहीं रखने चाहिए। यदि टोकरी गिरी तो सभी एक साथ फुट जायेंगे इसलिए इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में भी अलग-अलग कंपनियों के स्टॉक्स होने चाहिए। इन्वेस्टिंग में  इससे जोखिम घटता है।

5. नियमित निगरानी ( Regular monitoring ) 

यदि आप नियमित शेयर ट्रेडिंग नहीं करते हैं, तो आपको समय-समय पर अपने इन्वेस्टमेंट की समीक्षा करते रहना चाहिए। जिससे आपको यह अनुमान लगता रहे कि आपका पोर्टफोलियो आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकता है या नहीं। यदि आपके पोर्टफोलियो में शामिल किसी कंपनी के फंडामेंटल्स ख़राब हो जाते हैं तो समय रहते आप उस कंपनी में अपनी पोजीशन समाप्त कर सकते हैं। इससे Coffee Can Investment Strategy के सफल होने के चांस बढ़ जाते हैं। 

5. कम लागत ( Low Costs ) 

आपको स्टॉक ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट से जुड़े खर्चों को कम रखने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि ज्यादा स्टॉक ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट लागत ( Investment fee ) आपके इन्वेस्टमेंट के खर्चों को बढ़ा सकती है। जिसके कारण आपके ओवरऑल रिटर्न खराब हो सकते हैं। इसलिए अपने स्टॉक्स को बार-बार खरीदना और बेचना नहीं चाहिए। यानि अपने पोर्टफोलियो को बार-बार बदलना नहीं चाहिए। 

6. भावनात्मक अनुशासन ( Emotional Discipline ) 

Coffee Can Investing Strategy की सफलता के लिए यह जरूरी है कि आप अपने इन्वेस्टमेंट को धैर्य और अनुशासन के साथ बनाये रखें। आपको शेयर मार्केट वोलेटिलिटी की वजह से अक्सर होने वाली फियर एंड ग्रीड की स्थिति से अपने मन  और विचारों ( Emotional Moment ) को बचाकर अपने इन्वेस्टमेंट को लंबे समय तक होल्ड रखना चाहिए। 

7. रीइन्वेस्टमेंट ( Reinvestment ) 

यदि आपको अपने इन्वेस्टमेंट से डिविडेंड मिलता है या कोई अन्य इनकम होती है। यानि पैसा मिलता है तो उस पैसे को उन्हीं स्टॉक्स में दोबारा इन्वेस्ट कर देना चाहिए। क्योंकि इससे कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है। यह कॉफी कैन इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी की सफलता का एक मुख्य सूत्र है। टॉप फाइव बुलिश कैंडलस्टिक

Coffee Can Investing Strategy के पीछे की मुख्य अवधारणा यह की इसे सेट करो और इसे भूल जाओ। "Set it and forget it" दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। इसलिए आपको फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनियों में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए। और फिर उन्हें लंबे समय तक होल्ड करना चाहिए। लंबे समय से मतलब कम से कम दस वर्ष और इससे अधिक समय अपने इन्वेस्टमेंट को बनाये रखना चाहिए। 

इस स्ट्रेटेजी के अनुसार शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने वाले इन्वेस्टर्स का लक्ष्य कंपनी की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ से मुनाफा कमाना होता है। कॉफी कैन इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी के अनुसार होल्ड किये गए शेयरों के प्राइस में शार्ट-टर्म मार्केट वोलेटिलिटी के कारण होने वाले नुकसान से बचाव होता है। और लॉन्ग-टर्म वृद्धि का फायदा मिलता है। ट्राईएंगल चार्ट पैटर्न

Coffee Can Investing Strategy कुछ इन्वेस्टर्स के लिए सूटेबल हो सकती है इसका मतलब यह नहीं है कि यह स्ट्रेटेजी सभी इन्वेस्टर्स के लिए सही है। क्योंकि इसका फायदा उठाने के लिए काफी धैर्य और अनुशासन की आवश्यकता होती है। साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले स्टॉक्स में इन्वेस्टमेंट की जरूरत होती है। 

साथ ही शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी बनाते समय अपने वित्तीय लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता का भी आंकलन जरूर करना चाहिए। क्या कॉफी कैन इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी आपकी आवश्यकताओं और उद्देश्यों के लिए सही है? यह सुनिश्चित करने के बाद इसके अनुसार इन्वेस्टमेंट का डिसीजन लेना चाहिए। 

कॉफी कैन इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी के बारे में अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न FAQs 

कॉफी कैन स्ट्रेटेजी पोर्टफोलियो क्या है? 

कॉफी कैन स्ट्रेटेजी पोर्टफोलियो में उन कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्टमेंट करने को तवज्जो दी जाती है। जो कंपनियां लंबे समय से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। और जिनके फंडामेंटल्स मजबूत होते हैं। Coffee Can Investing Strategy में "खरीदो और भूल जाओ" ( Buy and Forget ) के सिद्धांत का पालन किया जाता है। 

कॉफी कैन इन्वेस्टिंग से क्या तात्पर्य है? 

इन्वेस्टर्स उन कंपनियों के शेयर खरीदते हैं। जिन्होंने लगातार अवधि के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इसके बाद 10 साल के लिए स्टॉक को भूल जाएं और सक्रिय रूप से इन्हें खरीदने या बेचने से बचें। इस प्रकार के निवेश को कॉफ़ी कैन पोर्टफोलियो के रूप में जाना जाता है। 

कॉफी कैन इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी के संस्थापक कौन हैं? 

मार्सेलुस इन्वेस्टमेंट के मैनेजर सौरभ मुखर्जी Coffee Can Investing Strategy के संस्थापक हैं। जो बेस्ट सेलिंग बुक Coffee Can Investing और The Unusual Billionaires के लेखक भी हैं। कॉफी कैन इन्वेस्टिंग बुक में उन्होंने इस स्ट्रेटेजी से लोगों को परिचित कराया है। 

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