शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न क्या होता है? Shooting Star Candlestick |

एक शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न तब बनता है। जब किसी स्टॉक का मार्केट प्राइस काफी हद तक बढ़ जाता है। यानि टॉप बनाने के करीब होता है, अगले दिन शेयर का प्राइस ओपन प्राइस के पास क्लोज होता है। यह बेयरिश रिवर्सल का संकेत हो सकता है। जिसका मतलब अब शेयर के प्राइस गिर सकते हैं। 

इस आर्टिकल में आप शूटिंग स्टार के फॉर्मेशन और साइकोलॉजी को समझेंगे। लास्ट में इसके अनुसार ट्रेड लेने की एक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के बारे में भी जानेंगे। आइए विस्तार से जानते हैं- शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न क्या होता है? Shooting Star Candlestick Pattern in Hindi.

                                                                                 
Stooting star candlestick


यदि आप कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको रवि पटेल द्वारा लिखित टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलस्टिक की पहचान जरूर पढ़नी चाहिए। 

Shooting Star क्या है? 

शूटिंग स्टार का शेप टूटे हुए तारे जैसा दिखता है। यह एक सिंगल बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न होता है। जिसमें ऊपरी शैडो लंबी होती है, निचली शैडो बहुत छोटी होती है या बिल्कुल भी नहीं होती है। रियल बॉडी बहुत छोटी और डे लो प्राइस के पास होती है। इस पैटर्न में ऊपरी शैडो रियल बॉडी से कम से कम दोगुना होना चाहिए। 

रियल बॉडी का रंग हरा हो या फिर लाल यह रंग कोई मायने नहीं रखता है। Shooting star candle अपट्रेंड के बाद बनता है। इसकी शेप इनवर्टेड हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न के जैसी होती है। लेकिन दोनों चार्ट पर अलग-अलग trend में बनते हैं इसलिए इनके संकेत भी अलग-अलग होते हैं। हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न डाउनट्रेंड के बॉटम पर बनता है। जबकि शूटिंग स्टार अपट्रेंड के टॉप पर बनता है। 

शूटिंग स्टार पैटर्न बनने के दौरान शेयर का प्राइस uptrend में होना चाहिए। तभी इसे शूटिंग स्टार पैटर्न माना जायेगा। इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर के प्राइस गिरने की उम्मीद की जाती है। इसके बाद शेयर के प्राइस में बेयरिश ट्रेंड रिवर्सल आता है। इसके पीछे की साइकोलॉजी है कि प्राइस कुछ समय uptrend में रहा। जिसमें शेयर के प्राइस पर buyers के पूरे कंट्रोल में रहता है। 

Shooting star candle तब बनता है, जब बायर प्राइस को और ऊपर पहुंचा देते हैं। लेकिन ट्रेडिंग सेशन के आखिर में सेलर प्राइस को नीचे गिरा देते हैं। जिससे ये कैंडल ओपन प्राइस के आसपास क्लोज होती है। इससे पता चलता है कि सेशन के शुरुआत में बायर ने share के प्राइस पर कंट्रोल रखा था। 

सेशन के आखिर में उस पर सेलर हावी हो जाते हैं जिससे प्राइस गिरकर ओपन प्राइस के पास क्लोज होता है। लेकिन बायर्स ने अभी प्राइस पर से अपना कंट्रोल खोया नहीं है क्योंकि शेयर का प्राइस अभी भी हायर हाई बना रहा है। चूँकि यह एक बेयरिश रिवर्सल पैटर्न है इसलिए आपको यहाँ पर शार्ट सेल करने की अपॉर्च्युनिटी ढूढ़नी चाहिए।

शूटिंग प्राइस के टॉप से रिवर्सल का संकेत देता है। जब लगातार हायर हाई बनाने वाली तीन कैंडल्स की श्रंखला बनती है। तब shooting star पैटर्न सबसे ज्यादा प्रभावी होता है। यह कुल मिलाकर बढ़ती कीमतों की अवधि के दौरान भी यह पैटर्न हो सकता है। भले ही उसमें कुछ bearish candles क्यों न हों। 

प्राइस के ऊपर बढ़ने के बाद जब शूटिंग स्टार कैंडल बनता है। तब शेयर का प्राइस स्ट्रांगली ऊपर जाता है, जो पिछले कुछ समय से चल रहे स्टॉन्ग बाइंग प्रेशर को दर्शाता है। लेकिन सेशन के आखिर में सेलर प्राइस पर हावी हो जाते हैं। जिससे share का प्राइस गिरकर ओपन प्राइस के करीब आ जाता है। मार्केट सेंटीमेंट 

इस वजह से बायर का प्रॉफिट खत्म हो जाता है। इससे पता चलता है कि दिन के अंत तक बायर प्राइस पर अपना नियंत्रण खो सकते हैं। सेलर शेयर के प्राइस पर कब्ज़ा कर सकते हैं। जिससे शेयर का प्राइस ट्रेंड रिवर्सल हो सकता है। लॉन्ग अपर शैडो उन बायर्स का प्रतिनिधित्व करती है, जिन्होंने सेशन के शुरू में खरीदारी की और जो अब नुकसान में हैं क्योंकि शेयर के प्राइस ऊपर जाने के बाद गिर गए हैं। 

शूटिंग स्टार के बाद बनने वाली कैंडल ही शूटिंग स्टार कैंडल की पुष्टि करती है। अगली कैंडल की ऊंचाई शूटिंग स्टार की ऊंचाई से नीचे रहनी चाहिए। और फिर शूटिंग स्टार के बंद होने के नीचे बंद होने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। यानि अहलि कैंडल का हाई प्राइस शूटिंग स्टार कैंडल से कम होना चाहिए और लो प्राइस शूटिंग स्टार कैंडल के लो प्राइस से ज्यादा होना चाहिए। तभी शूटिंग स्टार बनने के बाद प्राइस रिवर्सल कन्फर्म माना जायेगा।

आमतौर पर shooting star के बाद वाली कैंडल, उसके हाई के नीचे या क्लोजिंग प्राइस के आसपास ओपन होती है। उसके बाद यह कैंडल शूटिं स्टार से क्लोजिंग प्राइस से बहुत नीचे चली जाती है। तो इसे प्राइस रिवर्सल की पुष्टि माना जाता है। यह संकेत देता है कि शेयर के प्राइस में गिरावट जारी रह सकती है। अतः आप शार्ट सेलिंग की पोजीशन बनाने पर विचार कर सकते हैं। 

यदि शूटिंग स्टार पैटर्न बनने के बाद भी शेयर के प्राइस बढ़ते हैं तो इसका हाई प्राइस रेजिस्टेंस का काम कर सकती है। यदि शेयर के प्राइस शूटिंग स्टार एरिया में कंसोलिडेट करते हैं और प्राइस लगातार बढ़ना जारी रखते है। तब शार्ट पोजीशन के बजाय लॉन्ग पोजीशन बनाने पर विचार करना चाहिए। 

Shooting Star Trading कैसे करें 

शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न के अनुसार trade लेने के दौरान ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-
  1. शूटिंग स्टार कैंडल का पिछला सेशन अपट्रेंड में होना चाहिए। 
  2. शूटिंग स्टार कैंडल का हाई प्राइस पिछली तीन कैंडल से हाई होना चाहिए। 
  3. कन्फर्मेशन के लिए अगली कैंडल शूटिंग स्टार कैंडल के लो प्राइस से नीचे क्लोज होनी चाहिए।
  4. Shooting star कैंडल का ट्रेडिंग वॉल्यूम नॉर्मल से ज्यादा होना चाहिए। 
  5. शूटिंग स्टार कैंडल का हाई उस दिन का हाई प्राइस होना चाहिए। ये नियम केवल इंट्राडे चार्ट पर काम करता है। ये 5 मिनट कैंडल में ज्यादा अच्छा काम करता है। 
इस तरह के कॉम्बिनेशन के साथ आप इस पैटर्न को ट्रेड करेंगे तो आपके सफलता मिलने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जायेंगे। 

Trade में एंट्री, एग्जिट और स्टॉप-लॉस पॉइंट्स  

  • इस पैटर्न के अनुसार ट्रेडिंग पोजीशन बनाने के लिए आपको कन्फर्मेशन कैंडल के हाई प्राइस के आसपास ट्रेड लेना चाहिए। 
  • आपको shooting star candle के हाई प्राइस का स्टॉप लॉस लगाना चाहिए। 
  • अगले सपोर्ट एरिया पर आपको इस ट्रेड से एग्जिट कर लेना चाहिए। ट्रेड लेने से पहले आपको रिस्क-टू-रिवॉर्ड रेश्यो को जरूर देख लेना चाहिए। कम से कम 1:3 का रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो जरूर रखना चाहिए। 
  • यदि रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो 1;3 से कम है तो आपको यह ट्रेड नहीं लेना चाहिए। रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो इससे ज्यादा हो तो और भी अच्छा है। 

Shooting Star and Inverted Hammer के बीच अंतर 

शूटिंग स्टार और इनवर्टेड हैमर बिल्कुल एक जैसे दिखते हैं। दोनों की ऊपरी शैडो लम्बी और रियल बॉडी छोटी होती है। लोअर शैडो बहुत छोटी या बिल्कुल भी नहीं होती है। दोनों में अंतर संदर्भ का है, जब स्टॉक प्राइस uptrend में होते हैं, तब शूटिंग स्टार पैटर्न बनता है। जिससे प्राइस में गिरावट होने की संभावना बनती है। 

इनवर्टेड हैमर तब बनता है, जब शेयर के प्राइस डाउनट्रेंड में होते हैं। यह प्राइस के टर्निंग पॉइंट को दर्शाता है, इसके बनने के बाद प्राइस के बढ़ने की चांस बन जाते हैं। 

Shooting Star की सीमाएँ 

एक बड़े अपट्रेंड के दौरान एक कैंडल इतनी महत्वपूर्ण नहीं होती। किसी-किसी शेयर के प्राइस लगातर बढ़ते रहते हैं। वह एक शूटिंग स्टार कैंडल बनने से गिरावट की गिरफ्त में नहीं आ सकते। अतः कन्फर्मेंशन बहुत जरूरी होता है। शूटिंग स्टार कन्फ़र्मेशनके बाद भी शेयर के प्राइस गिरेंगे ही ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर के प्राइस शार्ट-टर्म गिरावट के बाद फिर से बढ़ सकते हैं। 

शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक का उपयोग करते समय स्टॉप लॉस जरूर लगाना चाहिए। जिससे अगर यह पैटर्न काम ना करे तो नुकसान कम से कम रहें। साथ ही कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ-साथ अन्य टेक्निकल इंडीकेटर्स का भी उपयोग जरूर करना चाहिए। कैंडलस्टिक पैटर्न्स बेहतर रिजल्ट दे सकते हैं यदि वह उन लेवल्स के करीब बनता है जिन्हे टेक्निकल एनालिसिस में महत्वपूर्ण लेवल माना गया है। 

उम्मीद है, आपको यह शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक (Shooting Star Candlestick) पैटर्न क्या होता है? आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह Shooting Star Candlestick Pattern in Hindi. आर्टिकल पसंद आये तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। 

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