Gold investment: सोना कैसे खरीदे और सोने में निवेश कैसे करें?

सोना हमेशा से निवेश का एक जाना माना और लोकप्रिय विकल्प रहा है क्योंकि इसका प्राइस ट्रेंड शेयर मार्केट के विपरीत रहा है। जब शेयर मार्केट में मंदी आती है, तब सोने (Gold) की माँग बढ़ जाती है। जिसके फलस्वरूप सोने के प्राइस में तेजी होती है। हालाँकि सोना भारतीयों के लिए हमेशा पैसे के निवेश से कहीं अधिक रहा है। 

आइए विस्तार से जानते हैं- सोना (Gold) कैसे खरीदे और सोने में निवेश कैसे करें? Sona (gold) kaise khriden ya Gold me Investment kaise kren? In Hindi.                                                                                
Gold Investment
सोना कैसे खरीदे और सोने में निवेश कैसे करें?

यदि आप अपना व्यक्तिगत विकास और धन कैसे क्रिएट करें सीखना चाहते हैं। तो आपको दुनिया की सबसे बड़ी पुस्तकें  अवश्य पढ़ना चाहिए। 

सोने के बारे में 

प्रत्येक भारतीय गरीब हो या अमीर सभी अपनी क्षमता के अनुरूप सोना अवश्य खरीदते हैं। क्योंकि शादी विवाह में लोग अपनी बहु-बेटियों को गिफ्ट में गहने अवश्य देते हैं। इंडिया के लोग एक बार सोने को खरीदने के बाद उसे हमेशा के लिए अपने पास ही रखते हैं। पैसे कमाने का तरीके Gold को खरीदने और निवेश के कई तरीके हैं। 

आमतौर पर सोने को खरीदने और निवेश करने के तीन तरीके हैं, जिनमें बुलियन (सोने की छड़ें), म्युचुअल फंड्स, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ETFs मुख्य हैं। कुछ अपवादों को छोड़कर केवल बुलियन, फ्यूचर्स और कुछ विशिष्ट फंड्स ही सोने में सीधे निवेश कर सकते हैं।

सोना ख़रीदने और उसमें निवेश के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं- 
  1. Gold एक कीमती मेटल है, जो मुद्रास्फीति से बचाव और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन का भी काम कर सकता है। 
  2. यदि आपने अपने पोर्टफोलियो के लिए Gold Buy करने का फैसला किया है तो इसे खरीदने के कई तरीके हैं। 
  3. गोल्ड के गहने पहनने के काम तो आते ही हैं, साथ ही इनकी कीमत भी हमेशा बनी रहती हैं। 
  4. जरूरत के समय आप इनको बैंक में रखकर लोन भी ले सकते है। जिस पर ब्याज भी काफी कम लगती है।
  5. अगर चाहे सोने को बेचकर जरूरत के समय पैसा भी एकत्र कर सकते है। 
  6. सोने के सिक्के में आमतौर पर 90% या 99% Gold होता है। 
  7. गोल्ड को अपने पास रखने से कोई इनकम नहीं होती है। जब तक आप सोने में निवेश करके डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स या म्यूच्यूअल फंड्स के मालिक नहीं बनते हैं। रिच डैड पुअर डैड

सोने को खरीदने या इन्वेस्ट करने के तरीके हैं

अब टेक्नोलॉजी के विकास की वजह से नए युग की फिनटेक कंपनियां। Invest in Gold के कई ऑप्शंस उपलब्ध करवा रही हैं। इसलिए अब सोने को कई तरीके से खरीदा या बेचा (इन्वेस्ट) जा सकता है। (फिजिकल गोल्ड, गोल्ड बांड, डिजिटल गोल्ड) आदि। यदि आप कमोडिटी या स्टॉक ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको टेक्निकल एनालिसिस अवश्य सीखना चाहिए। 

1. आभूषण (Jewellery) 

यदि आप एक इंडियन हैं तो सोने को खरीदना हुए इसमें इन्वेस्ट करना आपके DNA में हो सकता है। फिर भी आभूषण सबसे लोकप्रिय और मँहगी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजीज में से एक है। जिसे आप चुन सकते हैं। सोने के आभूषण खरीदने पर मेकिंग चार्ज लगता है, लेकिन लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। 

जब आप सोने के आभूषण को बेचते हैं, तब उस आभूषण को खरीदने के समय चुकाये गए मेकिंग चार्ज का नुकसान उठाना पड़ता है। मनी कंट्रोल प्रो

2. गोल्ड बुलियन खरीदना (Buying Gold Bullion) 

आप गोल्ड बुलियन (सोने के सिक्के, छड़, बार आदि) खरीदकर भी  फिजिकल गोल्ड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसमें मेकिंग चार्ज भी बहुत कम लगता है। हालाँकि इनको रखने में चोरी होने का जोखिम रहता है। 

एक आम निवेशक के लिए अन्य कमोडिटी की तुलना में सोना खरीदना अधिक आसान है। एक आम व्यक्ति गोल्ड बुलियन आसानी से ज्वेलर से खरीद सकता है। आमतौर पर नए इन्वेस्टर की पसंद सोने के सिक्के होते हैं। 

3. स्वर्ण बचत योजनाएं (Gold saving scheme) 

मार्केट में Gold investment की बहुत सी योजनाएं हैं, जो मुख्य रूप से ज्वेलर्स के द्वारा जारी की जाती हैं। ये एक SIP की तरह होती हैं जिसमें आप हर महीनें एक निश्चित राशि जमा करते हैं। यह योजना 11 महीने से लेकर एक या दो वर्ष, इससे भी ज्यादा की हो सकती है। 

योजना के परिपक्व होने के बाद आपको आपके पैसे के बराबर सोने के आभूषण दे दिए जाते हैं। इस प्रकार के निवेश में आपको विशेष सावधानी रखनी चाहिए। इस तरह की योजना में निवेश करने से पहले ज्वेलर और उसकी योजना के बारे में गहन विश्लेषण करना चाहिए। 

अगर इस योजना में रिटर्न एफडी या अन्य पारंपरिक योजनाओं के समान है तो आपको यह जोखिम उठाने की कोई जरूरत नहीं है। फंडामेंटल एनालिसिस   

4. डिजीटल गोल्ड (Digital Gold) 

कई फिनटेक कंपनियां गोल्ड खरीदने का ऑप्शन भी उपलब्ध कराती हैं। आप सौ रूपये से कम में भी डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं। डिजिटल गोल्ड में निवेश फिजिकल गोल्ड से समर्थित होता है। यानि आप जितने रूपये का डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं। 

उतने रूपये का कंपनियां फिजिकल गोल्ड अपने पास स्टोर करके रखती हैं क्योंकि ये कंपनियां गोल्ड ट्रेडर्स या गोल्ड मैन्युफैक्चर्स के साथ गठजोड़ रखती हैं। इस लेन-देन में आप जब चाहे अपने पैसे को रिडीम कर सकते हैं या उसकी कीमत का फिजिकल गोल्ड ले सकते हैं। चार्ट के प्रकार

यहाँ पर यह बात महत्वपूर्ण है कि सभी प्लेटफॉर्म फिजिकल गोल्ड का ऑप्शन नहीं देते हैं। यह मार्केट में उपलब्ध Gold investment के लोकप्रिय ऑप्शंस में से एक है। 

5. सॉवरेन गोल्ड बांड (Sovereign Gold Bond) 

भारत सरकार ने 2015 में सॉवरेन गोल्ड बांड की शुरुआत की थी। इनकी देखरेख और निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की जाती है। सॉवरेन गोल्ड बांड की शुरुआत Gold investment का एक प्रभावी ऑप्शन उपलब्ध करवाने के उद्देश्य के की गई थी। ये बांड आमतौर पर पाँच और आठ वर्ष के लॉक-इन-पीरियड के होते हैं। इनके मैनेजमेंट के लिए कोई फीस नहीं ली जाती है। 

ये बांड सोने द्वारा समर्थित होते हैं लेकिन इन्हें केवल नकद में भुनाया जा सकता है। Sovereign Gold Bond पर वार्षिक 2.5 की ब्याज भी दी जाती है। जब आप अपने गोल्ड बांड को भुनाते हैं, उस वक्त जो सोने का प्राइस होता है उस के हिसाब से आपके पैसे का भुगतान मिलता है। Stock market failure

6. गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) 

ये एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स होते हैं, जो शेयर मार्केट में कारोबार करते हैं। यदि आप ETF में निवेश करना चाहते हैं। तो आपके पास डीमैट एकाउंट होना चाहिए। यदि आप फिजिकल गोल्ड नहीं खरीदना चाहते लेकिन सोने में निवेश करना चाहते हैं। तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है। गोल्ड ईटीएफ का उद्देश्य सोने की घरेलू प्राइस को ट्रेक करना है। 

Gold ETF एक पैसिव इन्वेस्टमेंट साधन हैं, जो सोने के प्राइस पर आधारित होते हैं। ये अपना फंड गोल्ड बुलियन ने निवेश करते हैं। शार्ट में कहें तो, गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिन्हें डीमैट एकाउंट में या कागज के फॉर्म रखा जाता है। ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग सीखें? 

7. गोल्ड एफओएफ (Gold FOFs) 

फंड ऑफ फंड्स मूल रूप से ऐसे फंड्स होते हैं। जो म्यूच्यूअल फंड्स की ऐसी बास्केट में इन्वेस्ट करते हैं। जो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं। इसमें इन्वेस्ट करना थोड़ा जोखिम भरा और महँगा है। 

सारांश यह है कि सोने में निवेश मुद्रास्फीति के खिलाफ सही बचाव करता है। किसी भी संकट की वजह से जब शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट होती है, तब सोने के प्राइस बढ़ते हैं। यानि जब आर्थिक संकट आता है (जैसे अब)। तब शेयर मार्केट के स्मार्ट इन्वेस्टर मार्केट को छोड़कर गोल्ड में इन्वेस्ट करते हैं। क्योंकि गोल्ड इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित इन्वेस्टमेंट माना जाता है। लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करने पर सोना डबल डिजिट में रिटर्न देता है। हॉलीडेज लिस्ट

सोना निजी डीलरों, ऑनलाइन डीलरों ज्वेलरी की दुकानों वेडिंग मशीनों और सरकारी टकसालों में उपलब्ध होता है। सोना प्योर है यह सुनिश्चित करने के बाद ही आपको सोना खरीदना चाहिए। हालांकि यह सच है कि सोने की कीमत कभी भी शून्य नहीं हुई है। 

फिर भी आपको सोने में निवेश से जुड़े जोखिमों को जानने के बाद ही इसमें निवेश करना चाहिए। साथ ही इसके प्राइस में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में भी सतर्क रहना चाहिए। Sitemap

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